Monday, April 4, 2016

मूर्तिपूजा के कट्टर सैद्धांतिक विरोधी संप्रदायों में मूर्तियों का प्रयोग

कई संप्रदाय मूर्ति पूजा को एक अक्षम्य पाप मानते हैं। फिर भी विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों और मज़हबी इमारतें इन्ही सम्प्रदायों की हैं। दुनिया भर में, Jesus की 27 से भी अधिक मूर्तियां 65 फ़ीट से लम्बे कद की हैं। इस विसंगति के कारणवश हम निम्नलिखित टिप्पणियों का प्रलेख करने को प्रेरित हुए:


सबसे पहले हम बाइबिल के Old Testament की तीसरी पुस्तक से एक उद्धरण को देखें:

“Ye shall make you no idols nor graven image, neither rear you up a standing image, neither shall ye set up any image of stone in your land, to bow down unto it: for I am the Lord your God. –Leviticus 26:1

यह इन सम्प्रदायों की पुस्तकों से मूर्तिपूजा पर सबसे सरलतम उद्धरण है। वास्तविकता इससे अधिक अव्यवस्थित एक भ्रान्तिक गुत्थी है। Protestant क्रिस्टियन का कहना है कि Catholic क्रिस्टियन मूर्तिपूजक हैं। Puritans जो कि अपने को अंग्रेजी समाज-सुधारक घोषित करते हैं वे कुछ शताब्दी से Roman Catholic चर्च की प्रथाओं से अपने को शुद्ध करने में जुटे रहे हैं। वे क्रिस्टियन क्रॉस को भी मूर्तीपूजा का रूप मानते हैं।

British-Caste-व्यवस्था पर हमारी किताब के संदर्भ में, यह ध्यान दें कि Caste शब्द का अर्थ जाति नहीं होता। Caste और Puritan शब्द लगभग समानार्थक हैं। Caste की प्रथा भारतीय नहीं है। यह अंग्रेजों के द्वारा फैलाई गई है। Caste के वर्ण हैं Octoroon, Quadroon, Quinteroon, जिनमे से कोई भी शब्द भारतीय प्रथाओं का सम्बोधक नहीं है।


मूर्तिपूजा की अंग्रेजों की परिभाषा कुछ इस प्रकार हैं:

आइडल (Idol): एक छवि या प्रतिमा जिसका पूजा की वस्तु के रूप में इस्तेमाल किया जाए।

आइडॊलेटरी (Idolatry यानि मूर्ति पूजा): चरम प्रशंसा, प्रेम या श्रद्धा किसी व्यक्ति संदर्भ या वस्तु के प्रति। Idolatry शब्द एक यूनानी शब्द का अंग्रेजीकरण है। 

भगवन की वैकल्पिक मानसिक छवि एक तरह से मूर्ति की परिभाषा ही है। 


इन परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि God की अवधारणा के किसी भी वस्तु, प्रतिनिधित्व या विकल्प में अंधश्रद्धा को ही आइडल (Idol) कहा जाता है। इस संदर्भ में मूर्तीपूजा का कट्टरता से खंडन खुद ही एक तरह का अन्धविश्वास यानि की आइडॊलेटरी ही है।

हमारी पुस्तक में हमने इस तरह के उदाहरणों पर विचार नहीं किया है। वो इसलिए क्योंकि हम मानते हैं कि जिस विसंगति को हमने यहां उजागर किया है वह युक्तिसंगत बनाई जा सकती है। हमारी पुस्तक में हम उन विसंगितयों को विचरते हैं जो कि हमें ऐसे ठोस प्रमाण देती हैं जिससे की हम British-Caste-व्यवस्था का निश्चित तौर पर खंडन करने में समर्थ हुए हैं।

धन्यवाद ।





हमारी पुस्तक का सारांश आप यहां पढ़ सकते हैं: पुस्तक सारांश



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